संविधान दिवस के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य लोग अपस्थित होंगे। कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, शिव सेना, एनसीपी, सपा, आईयूएमएल, और डीएमके सेमत करीब 14 राजनीतिक र्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
संविधान दिवस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्विट किया और कहा कि किसी भी देश का संविधान भले ही कितना मजबूत हो लेकिन जब उसको चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है।
कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है। pic.twitter.com/UFpvSIpEXJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2021
संसद भवन में राष्ट्रपति का स्वागत संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया। इस मौके पर जोशी ने संविधान को एक पवित्र ग्रंथ बताया और कहा कि हम इसकी महत्ता को समझते हैं।
ओम बिड़ला ने अपने संबोधन में कहा कि इस संविधान के साथ भारत ने अपनी विकास यात्रा शुरू की थी। ये हमारे दायित्वों का बोध कराता है। इसको अक्षुण बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान आधुनिक गीता की तरह है।
संविधान दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 26/11 का उल्लेख किया और कहा कि देश के दुश्मनों ने देश के अंदर घुसकर मुंबई में आतंकी घटना को अंजाम दिया। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को नमन किया जिन्होंने इन आतंकियों को रोकने में अपनी जान गंवा दी।
पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न दिक्कतों के साथ देश को एक सूत्र में पिरोना बेहद मुश्किल था। आज शायद यदि इसको लिखा जाता तो एक पेज भी मुश्किल होता। देश के संविधान निर्माण करने वालों ने राष्ट्रहित में अपना सहयोग दिया।
संविधान दिवस की शुरुआत यदि पहले की गई होती तो बेहतर होता। इससे देश के लोगों को इसके बारे में पता चलता। हमें इस दिवस को शुरू करने का मौका मिला। पीएम ने कहा कि वर्ष 2015 में जब इसकी शुरुआत की गई थी तब भी इसको लेकर विरोध की आवाज उठी थी। कहा गया था कि संविधान दिवस कहां से ले आए। लेकिन आज इस तरह की आवाज नहीं सुनी जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में सजा पाने के बावजूद केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए केवल अपने हितों को साधने के लिए उनसे नाता जोड़ा जाता है तो इसका गलत संदेश जाता है। इससे चिंता स्वाभाविक है।
पारिवारिक पार्टियों पर वार
पीएम मोदी ने इस मौके पर पारिवारिक पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियां संविधान को भूल चुकी हैं। उन्होंंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली पार्टियां चिंता का विषय हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वो इस बात के खिलाफ नहीं है कि एक ही परिवार से कोई दूसरा व्यक्ति राजनीतिक पार्टी में न आए। वो इससे दुखी हैं कि कुछ पार्टियां पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार से चलती हैं। उन्होंने कहा कि फार द फैमिली, बाए द फैमिली…आगे कहने की जरूरत नहीं।
सबसे बड़ा लिखित संविधान
बता दें कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। हालांकि इसको 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था। देश के संविधान के तहत हर देशवासी को समान अधिकार प्राप्त हैं। हमारे संविधान में नागरिकों को मौलिक अधिकारों के जरिए एक ताकत दी गई है। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।