अब सैटेलाइट के जरिए होगी यास से हुए नुकसान का आकलन, इसी आधार पर मिलेगा पीड़ितों को मुआवजा

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चक्रवात यास का सैटेलाइट सर्वेक्षण

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में गत 26 मई को आए घातक चक्रवाती तूफान यास से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार अब अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेने जा रही है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया है कि ‘यास’ से बंगाल के विभिन्न जिलों में पहुंचे नुकसान का आकलन करने के लिए ममता सरकार सैटेलाइट का सहारा लेगी। सूबे के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए समीक्षा की जाएगी और उसके आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा।

बता दें कि पिछले साल आए चक्रवात ‘एम्फन’ के समय राहत सामग्रियों के बंटवारे और क्षतिपूर्ति देने में धांधली के लगे आरोपों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। अब प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) या जिले के कृषि अधिकारियों की तरफ से पेश की जाने वाली नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर सरकार मुआवजा नहीं देगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों चक्रवात पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से ‘दुआरे त्रान’ (दरवाजे पर राहत) नामक प्रकल्प की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि यह ‘दुआरे सरकार’ (दरवाजे पर सरकार) परियोजना का ही हिस्सा होगा।

इसका लाभ लेने के लिए चक्रवात प्रभावित तीन से 18 जून तक सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं। 19 से 30 जून तक सरकार की तरफ से आवेदनों की स्क्रूटनी की जाएगी ताकि सही मायने में जो जरूरतमंद हैं, उनकी मदद की जा सके। इसके बाद एक से आठ जुलाई के बीच सीधे तौर पर आवेदकों के बैंक खाते में मुआवजा राशि जमा करा दी जाएगी।