नई दिल्ली। भारत ने काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की। भारत ने कहा कि इस हमले से यह तथ्य और जाहिर हो गया है कि आतंकवाद और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने वाले लोगों के खिलाफ दुनिया को संगठित होकर कार्रवाई करनी होगी।
विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बम धामके में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्ति की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
बता दें कि काबुल हवाई अड्डे और उसके पास एक होटल में गुरुवार शाम को दो बम विस्फोट हुए, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए और 120 से अधिक लोग घायल हो गए। काबुल में अमेरिकी दूतावास के प्रभारी ने एक ट्वीट में कहा कि इस आतंकवादी हमले में 4 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं और तीन घायल हैं।
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने सुरक्षा सलाहकारों के साथ व्हाइट हाउस में विचार विमर्श किया। अमेरिका यात्रा पर गए इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडन के मुलाकात का कार्यक्रम कुछ समय के लिए टाल दिया गया।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि काबुल हवाई अड्डे के पास हुए कुल सात बम धमाकों में 12 अमेरिकी नौसैनिकों समेत अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है। मारे गए बाकी 60 लोगों के अफगान नागरिक होने का अनुमान है। इसके अलावा एक अस्पताल में अन्य 60 घायलों का इलाज किया जा रहा है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है।
अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि तालिबान ISIS के साथ अपने संबंधों से इनकार कर रहा है, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे पाकिस्तान आतंकी संगठन क्वेटा को लेकर दावा करता है। हमारे पास मौजूद हर सबूत बताता है कि ISIS-K की जड़ों में तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क है जो कि काबुल में काफी सक्रिय है।
अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसा, काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में अब तक 90 लोग मारे गए हैं और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं।