चुनाव बाद हिंसा की जांच जारी रखेगा एनएचआरसी, ममता सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज

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ममता सरकार को झटका

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कराये जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को लेकर ममता सरकार द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका सोमवार को खारिज कर दिया गया।

कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को राज्य का दौरा करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश को बहाल रखा है, जिसके तहत आयोग की टीम विभिन्न इलाकों का दौरा कर रिपोर्ट पेश करेगी।

राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि कितने लोग अभी तक नहीं लौटे हैं, राज्य सरकार कोर्ट को केवल सूची देती है। जिस तरह से जांच की गई है, वह सही नहीं है। अदालत राज्य के आश्वासन पर भरोसा नहीं कर सकती है। इसके पहले दिया गया निर्देश लागू रहेगा, हालांकि, राज्य सरकार अपना हलफनामा दे सकती है।

अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास 541 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग के पास एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। चुनाव के बाद भी हिंसा क्यों हो रही है? यह चिंताजनक है।

बता दें कि चुनाव के बाद हिंसा को लेकर 18 जून को पांच सदस्यीय बेंच ने कहा था कि पहले तो राज्य सरकार लगे आरोपों को मान ही नहीं रही, लेकिन हमारे पास कई घटनाओं की जानकारी और सबूत हैं। इस तरह के आरोपों को लेकर राज्य सरकार चुप नहीं रह सकती। अदालत ने हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। साथ ही राज्य सरकार को उस समिति का सहयोग करने को कहा था।