मोदी सरकार दे सकती है ओबीसी वर्ग को बड़ा तोहफा, राज्यों को मिल सकता है अधिकार

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ओबीसी आरक्षण

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ओबीसी की सूची पर राज्यों की शक्ति बहाल करने को लेकर कानून बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए मौजूदा सत्र में ही 127वां संविधान संशोधन विधेयक लाया जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 5 मई को मराठा आरक्षण को लेकर दिए एक फैसले में राज्य सरकारों से ओबीसी की पहचान करने और उन्हें अधिसूचित करने का अधिकार वापस ले लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस बार संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर मुहर लगा देगी तो इसके बाद राज्यों के पास फिर से ओबीसी सूची में जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा।

बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की रिव्यू याचिका को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में 5 मई के आरक्षण मामले में दिए गए फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने बीते महीने अनुच्छेद 324-ए की व्याख्या के आधार पर मराठा समुदाय के लिए कोटा को खत्म करने के अपने 5 मई के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार 2018 में संविधान का 102वां संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 324ए लाई थी जिसका मकसद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का था।

सुप्रीम कोर्ट ने 3-2 के बहुमत से 102वें संशोधन को सही ठहराया था लेकिन साथ ही कहा था कि राज्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लिस्ट तय नहीं कर सकती। केवल राष्ट्रपति उस लिस्ट को नोटिफाई कर सकते हैं।