भारत के लिए बेहद खास है 11 मई का दिन, जानें किन वजहों से भारत रहा था सुर्खियों में

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पोखरण परमाणु परीक्षण

नई दिल्ली। भारत के लिए 11 मई का दिन बेहद ही खास है। यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज है। वर्ष 1988 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 11 मई को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। खासतौर पर अमेरिका और पाकिस्तान दंग रह गए थे। तब राजस्थान के पोखरण में तीन बमों का सफल परीक्षण किया गया था, जिसके ऐलान के बाद भारत न्यूक्लियर स्टेट बन गया।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में इस मिशन को इतने गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया कि अमेरिका सहित दुनिया के किसी भी देश को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस पूरी मुहिम में अहम भूमिका निभाने वालों में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीज और उस समय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार (बाद में राष्ट्रपति) एपीजे अब्दुल कलाम थे।

परमाणु परीक्षण के बाद दुनिया भर में भूचाल आ गया और वाजपेयी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी। संसद में इसका जवाब देते हुए वाजपेयी ने अपना इरादा साफ कर दिया- ‘ये बदला हुआ भारत है जो दुनिया से आंख मिलाकर और हाथ मिलाकर चलना चाहता है। यह किसी प्रतिबंध से झुकेगा नहीं और शांति व सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।’

बता दें कि इससे पूर्व 18 मई 1974 को इंदिरा गांधी की सरकार ने पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसे पोखरण-वन के नाम से जाना जाता है। इसे ‘स्माइलिंग बुद्धा’ का नाम दिया गया था।

11 मई अन्य अहम घटनाएंः

11 मई 1752ः अमेरिका के फिलाडेल्फिया में अग्नि बीमा पॉलिसी की शुरुआत हुई।

11 मई 1784ः अंग्रेजों और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के बीच संधि।

11 मई 1940ः ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की हिंदी सेवा की शुरुआत हुई।

11 मई 1951ः राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने नवनिर्मित सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया।

11 मई 1962ः सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत का राष्ट्रपति बनाया गया। उन्होंने पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का स्थान लिया।

11 मई 1988ः फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया।

11 मई 1995ः अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 170 से अधिक देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।

11 मई 2000ः जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या एक अरब पहुंच गयी।