नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ओर तेजी से बढ़ रहे चक्रवात ‘यास’ का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना ने आईएनएस नेताजी सुभाष को तैनात किया है। जहाज के कमांडिंग ऑफिसर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ निकट समन्वय में राहत प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं। यह तूफान 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट के बीच लैंडफॉल कर सकता है।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार तैयारी के हिस्से के रूप में नौसेना के दो डाइविंग दलों और पांच बाढ़ राहत दलों को पश्चिम बंगाल के तट पर तैनात किया गया है। इन टीमों में संबंधित उपकरण और हवा से फूलने वाली नावों के साथ विशेष नौसेना कर्मियों को शामिल किया गया है। दीघा और फ्रेजरगंज में एक-एक गोताखोर और दो बाढ़ राहत दल तैनात किए गए हैं।
एक बाढ़ राहत दल को अल्प सूचना में जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए डायमंड हार्बर में स्टैंडबाय पर रखा गया है। यह टीमें स्थानीय जिला प्रशासन की आवश्यकता के अनुसार फंसे हुए लोगों को निकालने, सड़क की सफाई, पेड़ काटने के कार्यों और राहत सामग्री वितरण के लिए तैयार हैं।
इसके अलावा भारतीय नौसेना चक्रवात के बाद जरूरत पड़ने पर वितरण के लिए कोलकाता में अपने डिपो सेंटर में लगभग 500 लोगों के लिए मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री तैनात कर रही है। राहत सामग्री, चिकित्सा दल और अतिरिक्त गोताखोरी टीमों के साथ भारतीय नौसेना के चार जहाज भी चक्रवात पर पैनी नजर रखकर सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
नौसेना के जहाजों पर तैनात नौसेना के हेलीकॉप्टर राज्य सरकार के अनुरोध पर प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री ‘एयरड्रॉप’ करेंगे। इसके अलावा विशाखापत्तनम में मध्यम दूरी के समुद्री गश्ती विमानों के साथ-साथ अरक्कोनम (तमिलनाडु) में लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों को तैयार रखा गया है ताकि चक्रवात के बाद जरूरत पड़ने पर हताहतों की निकासी या हवाई सर्वेक्षण किये जा सकें।