राष्ट्रीय लोकदल की कार्यकारिणी बैठक में जयंत चौधरी चुने गए अध्यक्ष, दादा और पिता की विरासत के बढ़ाएंगे आगे

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जयंत चौधरी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग नई दिल्ली में आयोजित की गई। मीटिंग में 6 मई 2021 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। अजित सिंह का निधन कोरोना के कारण हो गया था।

कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने अजित सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्राथना की। मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग के दौरान जयंत चौधरी को अध्यक्ष चुने जाने का फैसला हुआ।

मीटिंग में जयंत चौधरी का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पार्टी के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने प्रस्तावित किया और पूर्व सांसद और राष्ट्रीय महासचिव मुंशीराम पाल ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया, जिसका राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।

अध्यक्ष चुने जाने के बाद जयंत चौधरी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने किसान मसीहा श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजित सिंह के बताए रास्ते पर चलते हुए गांव-किसान के हितों के लिए सदैव संघर्ष करने का संकल्प लिया।

बता दें कि आरएलडी के मुखिया चौधरी अजित सिंह का 6 मई को निधन के बाद से ही पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद खाली था। उनके बेटे जयंत चौधरी इससे पहले पार्टी का काम उपाध्यक्ष के तौर पर देख रहे थे।

बता दें कि आरएलडी ने फिलहाल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जयंत चौधरी की पहली और बड़ी सियासी परीक्षा होगी। 2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी को हार का सामना करना पड़ा था।

चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाएंगे

जयंत चौधरी ने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट किया है। एक पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह और पिता चौधरी अजित सिंह की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को दोबारा मजबूत स्थिति में लाना जयंत के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि आरएलडी का परंपरागत वोट बैंक कहे जाने वाले जाट समुदाय का झुकाव 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी की ओर बढ़ा है।