देश में कोरोना के केस में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। ऐसे में कई राज्य सरकारों द्वारा स्कूल खोलने के बाद भी पेरेंट्स के मन में कई तरह की शंकाएं हैं। कई पेरेंट्स स्कूल खोलने के पक्ष में हैं तो कई इस फैसले के खिलाफ हैं।
इस संबंध में दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पेरेंट्स की चिंताओं को कम करने की कोशिश की है। डॉ गुलेरिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि जिन जिलों में कोरोना के कम केस हैं और जहां संक्रमण दर भी कम है, वहां कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ या अलग-अलग शिफ्ट में शुरू किया जा सकता है। स्कूल सेनेटाइजेशन का इंतेजाम करके सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ बच्चों को बुला सकते हैं। हालांकि उन्होंने बच्चों की निगरानी पर ध्यान देने को कहा।
उन्होंने कहा कि सभी बच्चों का टीकाकरण कराने में काफी समय लगेगा और ऐसे में अगले साल के बाद ही स्कूल खोले जा सकेंगे। साथ ही वायरस के नए वेरिएंट का खतरा भी रहेगा। ऐसे में हम स्कूल नहीं खोल पाएंगे। इसलिए जहां पर केस कम हैं वहां स्कूल खोल सकते हैं।
गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली में 100 के आसपास मामले आ रहे हैं, तो एहतियात एवं कोविड नियमों के पालन के साथ स्कूल खोले जा सकते हैं। लेकिन केरल में मामले अभी ज्यादा आ रहे हैं इसलिए वहां पर स्कूल खोलना अभी सही नहीं होगा।