पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक, आधी दुनिया को चीन की नहीं, भारत की वैक्सीन चाहिए

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Modi and Jinping
नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग

नई दिल्ली। साउथ एशिया के साथ-साथ भारत का दबदबा अब दुनिया के कई देशों में बढ़ने लगा है। पिछले कुछ समय से चीन दक्षिण एशिया में भारत के दबदबे को कम करने की कोशिश लगा है लेकिन भारत ने ऐसी चाल चली कि ड्रैगन की सभी कोशिशों पर पानी फिर गया।

चीत भारत के चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है। भारत के सभी पड़ोसी देशों में चीन घूसने की कोशिश में है। लेकिन भारत के वैक्सीन डिप्लोमेसी ने चीन को एक झटके में ही ध्वस्त कर दिया। आधी दुनिया भारत में बने कोरोना वैक्सीन को पाने की इच्छा रखते हैं। इसके लिए भारत सरकार से 90 से अधिक देशों ने संपर्क भी किया है।

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की पड़ोसी देशों में डिलीवरी शुरू कर दी है। अपने मित्रों को सहयोग देने के वास्ते भारत ने नेपाल, बांग्लादेश, भुटान, मालदीव समेत कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन मुहैया करा दी है। शुक्रवार को भारत सरकार ने म्यांमार, सेशेल्स और मॉरिशस को वैक्सीन की खेप भेजी।

पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के रिश्तों में कड़वाहट आई थी। लेकिन कोरोना संकट के इस काल में नेपाल को चीन से कोई मदद नहीं मिली। भारत ने नेपाल को दस लाख डोज फ्री में दी है। भारत की मदद पाकर पड़ोसी देश नेपाल के पीएम केपी ओली ने भारत की खूब प्रशंसा भी की है।

एक और महत्वपूर्ण पड़ोसी देश बांग्लादेश को भारत ने 20 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज फ्री में दी है। बांग्लादेश की सरकार ने इससे पहले चीन से 1 लाख 10 हजार डोज के लिए संपर्क किया था। लेकिन चीन ने वैक्सीन की डेवलपमेंट के नाम पर रकम की मांग की थी। जिसके बाद बांग्लादेश की सरकार ने भारत से संपर्क किया था।