किसानों के आगे झुकी केंद्र सरकार, डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को टालने के लिए तैयार

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किसान आंदोलन
आंदोलन करते किसान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी घमासान के बीच बुधवार को 10वें दौर की बातचीत हुई। किसानों और सरकार के बीच हुई यह बातचीत भी बेनतीजा रही। हालांकि इस बातचीत में केंद्र सरकार ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए कानूनों को डेढ़ साल तक के लिए टालने का प्रस्ताव दिया।

केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। किसानों का कहना है कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे।

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 10वें दौर की बातचीत के बाद किसान नेताओं ने कहा कि अगली बैठक 22 जनवरी को तय की गई है। गुरुवार को किसान संगठन अपनी आंतरिक बैठक करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक के लिए निलंबित रखने का प्रस्ताव रखा। हमने इसे खारिज कर दिया, लेकिन यह प्रस्ताव चूंकि सरकार की तरफ से आया है इसलिए हम कल इसपर आपस में चर्चा करेंगे और फिर अपनी राय बताएंगे।

बता दें कि नए कृषि बिल को लेकर किसान संगठनों में नाराजगी है। सरकार और किसानों के बीच अबतक कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। किसान संगठन इन कानूनों को सीधे रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। किसानों का यह भी आरोप है कि सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कोई कानूनी गारंटी देने पर चर्चा से पीछे हट रही है।