मिलेगा पाक और चीन को मुंहतोड़ जवाब, रक्षामंत्री ने सेना को सौंपे एक लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड

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मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड

नागपुर। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड आधिकारिक रूप से भारतीय सेना को सौंप दिए। इन नए ग्रेनेड्स को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है। इनकी खासियत यह है कि इन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है। नए ग्रेनेड्स सेना और वायु सेना में अभी तक इस्तेमाल हो रहे विंटेज हैंड ग्रेनेड नंबर 36 की जगह लेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर, 2020 में सेना के लिए 10 लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड की आपूर्ति के लिए नागपुर की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल), (सोलर ग्रुप) के साथ 409 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। निजी क्षेत्र की कम्पनी को पहली बार रक्षा मंत्रालय ने इसलिए 10 लाख हैंड ग्रेनेड की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किया था ताकि सशस्त्र बलों को पुरानी डिजाइन के हैंड ग्रेनेड से निजात दिलाई जा सके।

इन मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड को डीआरडीओ और टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरीज (टीबीआरएल) ने मिलकर डिजाइन किया है और इसका निर्माण नागपुर की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल) कर रही है। डीआरडीओ ने 2016 में निजी कंपनी को ग्रेनेड बनाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की थी, जिसके बाद सेना द्वारा सभी मौसम की स्थिति में व्यापक परीक्षण किए गए थे। इनमें रेगिस्तान, ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाके शामिल थे।

रक्षा मंत्रालय से अनुबंध होने के बाद निजी स्वामित्व वाली कंपनी ओएफबी की निर्भरता को कम करते हुए सशस्त्र बलों को पूरी तरह से निर्मित गोला बारूद की आपूर्ति करेगी। इन ग्रेनेड्स की खासियत यह है कि इन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह केंद्र सरकार के तत्वावधान में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रदर्शित करने वाली एक प्रमुख परियोजना है जो अत्याधुनिक गोला-बारूद प्रौद्योगिकियों को ”आत्म निर्भरता” में सक्षम बनाती है और 100 फीसदी स्वदेशी सामग्री को पूरा करती है।