कांग्रेस ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया कि भारत के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मुहम्मद, जमात-उद-दावा व दूसरे कई आतंकी संगठनों का तालिबान सरपरस्त है। अफगानिस्तान में जब उसे सत्ता मिल गई है, तो यह चिंता स्वाभाविक है कि हमारी सरकार भारत के हितों की रक्षा कैसे करेगी।’
सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि विमान अपहरण कांड को याद कीजिए। उस वक्त भाजपा की सरकार ने निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या के दोषी मसूद अजहर और अन्य आतंकियों को छोड़ दिया था। क्या उस वक्त भारत ने तालिबान के साथ समझौता नहीं किया था? भारतीय प्रतिनिधिमंडल को तालिबान से बात करने के लिए दोहा कैसे भेजा गया था?
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘अफगानिस्तान में हिंसक और आतंकी संगठन सत्ता में आ गया है। हमें अपने हितों की रक्षा करनी है। भारत सरकार इसके बारे में क्या कर रही है? मोदी जी और गृह मंत्री सामने आकर कुछ तो बताएं?’
सुरजेवाला ने कहा कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान में एक निर्वाचित सरकार के पक्ष में रहा है। लोकतंत्र होने पर महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार मिलेंगे। जब तालिबान ने पिछली बार अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तो सभी ने देखा कि महिलाओं, अल्पसंख्यकों और लोकतंत्र के पक्ष में बोलने वाले सभी लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया गया था। इन घटनाओं के बारे में सोचकर भी दिल कांप उठता है।