दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश, एंबुलेंस के बजाय शवों को पुरानी DTC बसों में ले जा सकते हैं

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Carcasses can be transported in old DTC buses instead of ambulances

कोरोना के बढ़ते हालातों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए कहा कि ‘एंबुलेंस के बजाय शव ले जाने के लिए पुरानी डीटीसी बसों का उपयोग करने पर विचार करें।’ कोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए सैन्यबलों की सहायता लेने पर भी विचार करने को कहा है।

मेडिकल स्टाफ से मारपीट पर जताई नाराजगी

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, ‘हमारा देश एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में लोगों को एक साथ खड़े होन की जरूरत है। कोर्ट ने अपोलो हॉस्पिटल में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के साथ हुई मारपीट की घटना पर नाराजगी जाहिर की।

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं उन डॉक्टरों का मनोबल तोड़ती हैं जो दिन रात मरीजों की जान बचाने के लिए जुटे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि फिर ऐसा न हो। पुलिस, ऑथॉरिटी इन्हें रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये।

कोरोना मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लायर का ब्योरा भी मांगा। इसपर दिल्ली सरकार के वकील ने ऑक्सीजन सप्लायर का ब्योरा अदालत में पेश किया। वकील ने कहा कि प्रत्येक अस्पताल के लिए एक रीफिलर जोड़ा गया है यदि मुख्य आपूर्तिकर्ता ऑक्सीजन नहीं सप्लाई कर पा रहा है तो रीफिलर से पूरा किया जा रहा है।

इसके साथ ही कोर्ट ने मरीजों को डिस्चार्ज करने में हो रही देरी पर भी सवाल किया। कोर्ट ने IRDAI से कहा कि मरीज के डिस्चार्ज होने में 6 से 7 घंटे की देरी लग जा रही है क्योंकि बीमा कम्पनी क्लेम क्लियर करने में ज्यादा समय ले रही हैं, इस बारे में जानकारी दीजिए। इसपर जवाब देते हुए IRDAI के वकील ने कहा इसका पता लगाएंगे।

ऑक्सीजन देना दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर किसी भी व्यक्ति को नहीं मिल रहा है इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होनी चाहिए। सिलेंडर सिर्फ उन्हीं लोगों को मिल रहा है जो अमीर हैं गरीब लोगों को सिलेंडर नहीं मिल रहा है। ह लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करते हैं।

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को चाहिए कि बड़े अधिकारी और अमीर लोगों के घर पर रेड करें, सच सामने निकल कर आ जाएगा।