कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा, अब आगे क्या?

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बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा

लंबी जद्दोजेहद के बाद आखिरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दोपहर में राजभवन जाकर अपना इस्तीफा राज्यपाल थावरचन्द गहलोत को सौंप दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने अभी उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा नहीं की है। सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में अपने इस्तीफे की घोषणा की।

इस मौके पर भावुक स्वर में उन्होंने कहा कि उन्होंने दुख के साथ नहीं बल्कि खुशी के साथ ऐसा किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को 75 साल पूरे होने के बावजूद दो साल का और अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि वे कई बार अग्निपरीक्षा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने राज्य में वापस रहना पसंद किया था।

उन्होंने मांड्या जिले के बुकानाकेरे के एक गरीब व्यक्ति को मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाने के लिए भाजपा के प्रति कृतज्ञता जताई। येदियुरप्पा दोपहर 12.40 बजे उपमुख्यमंत्रियों और विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। बता दें कि कर्नाटक में भाजपा सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की बात काफी समय से चल रही थी। राज्य में कुछ बगावती स्वर भी फूटे थे।

परिवर्तन की मांग और बगावती तेवर को देखते हुए भाजपा हाईकमान ने उम्र सीमा को आधार बनाते हुए येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के लिए कहा था। अब सबसे बड़ा सवाल है कि भाजपा राज्य में उनका किसे उत्तराधिकारी बनाती है।

इससे पहले रविवार को लिंगायत समुदाय के मठाधीशों ने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने का विरोध किया था। ऐसे में लिंगायत समुदाय भाजपा का विरोध कर सकता है। राजनीतिक जानकारों के मानना है कि येदियुरप्पा अपने बेटे विजयेन्द्र को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।