नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले महीने अप्रैल के अंत में भारत के दौरे पर आएंगे। बता दें कि भारत ने 26 जनवरी को 72वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर उन्हें आमंत्रित किया था। लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों की वजह से उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था।
बता दें कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो चुका है। ऐसे में बोरिस की भारत यात्रा यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के बाद पहली बड़ी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा होगी। इसकी जानकारी पीएम जॉनसन के कार्यालय ने दी है।
बता दें कि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है। ब्रिटेन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक ताकत के साथ चीन से निपटने का भी है।
बीते कुछ वक्त में हॉन्ग कॉन्ग, कोरोना महामारी और ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी Huawei को सक्रिय भूमिका न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर बीजिंग और ब्रिटेन के बीच संबंधों में तनाव किसी से छिपा नहीं है।
ब्रिटेन ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के कोर्नवाल क्षेत्र में जून में होने वाले जी 7 सम्मेलन में शरीक होने का न्योता भी दिया है। जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है।