तीनों कृषि कानूनों की वापसी और लंबित मांगों पर सरकार के प्रस्ताव के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान किया है। इस संबंध में किसान मोर्चा ने साफ किया है कि आंदोलन को खत्म नहीं किया जा रहा है, इसे अभी स्थगित किया गया है।
किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा कि हम एक बड़ी जीत लेकर जा रहे हैं, ये आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है, इसे अभी स्थगित किया गया है। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की फिर से बैठक होगी जिसमें इसकी समीक्षा की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 11 दिसंबर से किसानों का दिल्ली बॉर्डर से जाना शुरू हो जाएगा।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। जिसके बाद 21 नवंबर को अपनी 6 मांगों के साथ एक चिट्ठी किसान नेताओं द्वारा लिखी गई थी। जिसके बाद 7 दिसंबर को सरकार की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव आया। इसपर हमने में कुछ बदलाव बताए थे। उसके बाद 8 दिसंबर को फिर एक प्रस्ताव आया और केंद्र सरकार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल की ओर से चिट्ठी आई है जिसके बाद हमने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया।
बता दें कि सरकार के साथ बात बनने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी ‘घर वापसी’ की तैयारी शुरू कर दी है। सिंघु-कोंडली बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान अब घर को लौट रहे हैं। किसानों ने अपने टेंट को उखाड़ना शुरू कर दिया है और तिरपाल, बिस्तर को ट्रकों-ट्रैक्टरों में रखना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि सरकार ने हमारी मांगों को मान लिया है इसलिए अब वो वापस लौट रहे हैं।