भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को हिमाचल सेक्टर में भारत-चीन सीमा यानी एलएसी का दौरा किया। उन्होंने सीमा के अग्रिम इलाकों में पहुंचकर तैनात सैनिकों का हौसला बढ़ाया। दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर जारी तनाव के माहौल में जनरल बिपिन रावत का यह दौरा रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज ही पूर्वी लद्दाख की चीन सीमा का तीन दिवसीय दौरा करके दिल्ली लौटे हैं।
जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ आगे के क्षेत्रों का दौरा किया। सीडीएस ने हिमाचल प्रदेश के पास एलएसी के संवेदनशील क्षेत्र में सैन्य तैयारियों का भी हाल जाना। साथ ही उन्होंने सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात सेना के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
सीडीएस ने दूरदराज के इलाकों में तैनात भारतीय सेना, आईटीबीपी और जीआरईएफ कर्मियों के साथ व्यापक बातचीत की और उनके उच्च मनोबल की सराहना की। उन्होंने सभी रैंकों के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के लिए प्रोत्साहित किया। जनरल रावत को सुमदोह उप-क्षेत्र में सबसे आगे की चौकी पर राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए बलों की परिचालन तैयारियों के बारे में भी बताया गया।
जनरल रावत दूरदराज के इलाकों में तैनात भारतीय सेना, आईटीबीपी और जीआरईएफ कर्मियों के साथ बातचीत की और उनके उच्च मनोबल की स्थिति की सराहना की। सीडीएस ने सभी रैंकों को उच्च स्तर की सतर्कता और पेशेवर अंदाज बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
जनरल रावत ने चंडी मंदिर में भारतीय सेना के पश्चिमी कमान के मुख्यालय का दौरा करके पश्चिमी सीमाओं पर परिचालन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने चंडीगढ़, पटियाला और फरीदाबाद में कोरोना के अस्पतालों की स्थापना में सहायता प्रदान करने और बल संरक्षण सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए पश्चिमी कमान की भूमिका को सराहा।
जनरल रावत ने सिविल अस्पतालों की सहायता में पैरामेडिकल स्टाफ प्रदान करने और आम नागरिकों के टीकाकरण में सिविल प्रशासन की सहायता के लिए पश्चिमी कमान की सराहना की। उन्होंने देश को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन संयंत्रों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का भी उल्लेख किया। प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने और विरोधियों से सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी रैंकों को सूचना प्रौद्योगिकी के नवीनतम रुझानों, उभरते साइबर खतरों और जवाबी उपायों से खुद को अपडेट रखना चाहिए।