पटना। लोक जनशक्ति पार्टी के पांच बागी सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब पार्टी के नए नेता के रूप में चाचा पशुपति पारस को चुन लिया गया है।
बागी सांसदों ने चिराग पासवान को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से इंकार कर दिया। लोक जनशक्ति पार्टी की इस बड़ी फूट के बाद बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। इस घटनाक्रम की शुरुआत रविवार को ही हो गई थी।
बताया जा रहा है कि आज शाम तीन बजे पशुपति पारस प्रेस कांफ्रेंस कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट करेंगे। चिराग पासवान से नाराज इन सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने अपने गुट को अलग मान्यता देने की मांग की है।
सांसदों ने चिराग पासवान को छोड़ उनके चाचा पशुपति पारस को ही अपना नेता बनाया है। कहा जा रहा था कि अलग गुट बनाकर ये सांसद जदयू के पाले में जा सकते हैं। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
बगावत करने वाले सांसदों में चिराग के चाचा पशपति पारस पासवान के अलावा चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह , महबूब अली केशर और वीणा देवी शामिल हैं। बागी सांसदों ने चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया।
बता दें कि इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में पार्टी टूटते-टूटते बच गई थी। तब ज्यादा हल्ला मचा तो पशुपति ने अपने लेटर हेड पर इसका खंडन कर दिया था। लोजपा में उस वक्त जो फूट होने से बच गई थी।