चिंता की बात: बिहार के छह शहरों में मिला पानी में यूरेनियम

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पानी में यूरेनियम

बिहार के 6 जिलों में पानी में जरूरत से ज्यादा यूरेनियम की मात्रा मिली है। पानी में मानक से दोगुना यूरेनियम मिलने से वैज्ञानिकों में चिंता की लहर है। बता दें कि यूरेनियम मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही खतरनाक होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पानी में यूरेनियम की मात्रा 30 माइक्रोग्राम या उससे कम होनी चाहिए, लेकिन राज्य के कुछ जिलों में 85 माइक्रो ग्राम प्रति लीटर मिली है। इससे मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। पानी में यूरेनियम की ज्यादा मात्रा होने पर कैंसर एवं किडनी की समस्या ज्यादा बढ़ सकती है।

बिहार के जिन जिलों में पानी में यूरेनियम की मात्रा मानक से ज्यादा मिला है, वहां पर अभी अध्ययन किया जा रहा है। महावीर कैंसर संस्थान एवं यूनिवर्सिटी आफ मैनचेस्टर के संयुक्त तत्वावधान में यह रिसर्च पिछले एक साल से चल रहा था।

महावीर कैंसर संस्थान में रिसर्च करने वाले विज्ञानी एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि अब तक बिहार के पानी में आर्सेनिक की मात्रा मिलती थी, लेकिन पहली बार प्रदेश के पानी में यूरेनियम मिला है। बिहार में यूरेनियम पटना, नालंदा, नवादा, सारण, सिवान एवं गोपालगंज में मिला है।

बता दें कि बिहार में गंगा तटवर्ती जिलों में पहले से ही आर्सेनिक मात्रा पाई जाती है। लेकिन पानी में यूरेनियम की मात्रा का मिलना नया मामला है। विज्ञानी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि राज्य के पानी में यूरेनियम कहां से आ रहा है। उस दिशा में रिसर्च का काम अभी चल रहा है। उम्मीद है कि इसके श्रोत को जल्द ही खोज लिया जाएगा।

रिसर्च के अनुसार गंगा के तटवर्ती जिलों में आर्सेनिक की मात्रा मिलती है, इसमें बक्सर से लेकर भागलपुर तक के जिले शामिल हैं। पटना मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल (पीएमसीएच) के कैंसर विभाग के अध्यक्ष डा. पीएन पंडित का कहना है कि पानी में मानक से अधिक मात्रा में यूरेनियम मिलने से न केवल मानव जाति, बल्कि पर्यावरण पर भी इसके घातक परिणाम देखे जा सकते हैं।