कृषि कानूनों में अगर बदलाव जरूरी है तो हमें कोई संकोच नहीं है, हम हमेशा बदलाव के लिए तैयार हैं – पीएम मोदी

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लोकभा में पीएम मोदी

नई दिल्ली। लोकसभा में पीएम मोदी सदन को संबोधित कर रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में पीएम मोदी ने कृषि कानूनों पर खुलकर अपनी कहा। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों ने किसानों से कुछ नहीं छीना है, फिर भी इसका विरोध हो रहा है। मैं हैरान हूं कि पहली बार सदन में यह तर्क आया कि जब मैंने मांगा नहीं तो दिया क्यों। इस पर मैं कहना चाहता हूं कि यह विकल्प के तौर पर है। सभी के लिए जरूरी नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस देश में दहेज के खिलाफ कानून बना, लेकिन उसकी किसी ने मांग नहीं की थी। तीन तलाक पर कानून की किसी ने मांग नहीं की थी, लेकिन फिर भी कानूनों की जरूरत थी, इसलिए हमने बनाया। इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन एक प्रगतिशील समाज के लिए जरूरी था। किसी ने शिक्षा के अधिकार की मांग नहीं की थी। लेकिन यह बदलाव के लिए जरूरी था तो सरकार ने किया।

जिस समय लोकसभा में पीएम मोदी कृषि कानूनों पर बोल रहे थे तो विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य लगातार कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते रहे। कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां तक किसान आंदोलन का सवाल है। दिल्ली के बाहर हमारे भाई-बहन बैठे हैं। हमारी सरकार किसान भाई-बहनों का आदर करती है और हमेशा करती रहेगी। इसलिए सरकार के मंत्री लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि जब पंजाब में आंदोलन चल रहा था, उस समय भी सरकार और किसानों के बीच बातचीत हुई। हमारा मानना है कि अगर किसानों का इस कानून से नुकसान है तो उसे बदलने में कुछ नहीं जाता है। हम बदलाव के लिए तैयार हैं। अगर बदलाव जरूरी हैं तो हमें कोई संकोच नहीं है।