डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी, समय रहते नहीं संभले तो भुगतने होंगे गंभीर नतीजे

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भारत में कोरोना केस

दुनिया में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है। इसको लेकर दुनिया पूरी तरह सहमी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अभी शुरुआती दौर में है। इसे काबू में करना संभव है। लेकिन अगर हमेशा की तरह लापरवाही हुई तो इसके भयावह नतीजे होंगे।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख गेब्रेयेसिस ने कहा कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 111 देशों में दस्तक दे चुका है। डेल्टा जितनी तेजी से फैल रहा है उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गेब्रेयेसिस ने बताया कि वायरस लगातार अपने भीतर बदलाव कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अपनी इस प्रवृत्ति के चलते वायरस समय के साथ अधिक घातक और अधिक संक्रामक होता जा रहा है। दुनिया के सभी देशों को वायरस के बदलते रूप को लेकर चौकन्ना रहना होगा नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं। डेल्टा के बढ़ते प्रकोप के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बेहतर करने का वक्त आ चुका है।

डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह दुनियाभर में कोरोना के तीस लाख मरीज मिले। नौ सप्ताह बाद नए मिलने वाले मरीजों की संख्या में 10 फीसदी जबकि मौतों के मामले में तीन फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि मरीजों की बढ़ती संख्या का नतीजा डेल्टा वैरिएंट हैं। जरूरी सावधानी और बंदिशों की बदौलत इस घातक वैरिएंट को बेकाबू होने से रोका जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मास्क, छह फुट की दूरी और सैनिटाइजर के इस्तेमाल के साथ भीड़ को रोकना होगा, तभी वायरस से बचाव संभव है। टीका लगवा चुके लोग डेल्टा के लिए हथियार बन सकते हैं ऐसे में उन्हें भी सावधान रहना होगा।