टूलकिट केस: दिशा रवि की जमानत पर फैसला अगले मंगलवार तक के लिए सुरक्षित

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दिशा रवि टूलकिट केस

नई दिल्ली। टूलकिट मामले में गिरफ्तार हुई पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

इससे पहले अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक टूलकिट नहीं था। असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां पर अशांति फैदा करने की थी।

पुलिस ने कोर्ट में कहा कि दिशा ने अपने वॉट्सऐप पर हुई बातचीत के चैट को मिटा दी थी। वह कानूनी कार्रवाई से अवगत थी। इससे यह जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे नापाक मंसूबा था।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट और लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसी तरह यह टूलकिट सोशल मीडिया पर लीक हो गया और सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था। उसी को हटाने की योजना बनाई गई और प्रदर्शन किया गया।

पुलिस ने अहम खुलासा करते हुए अदालत में कहा कि यह संगठन कनाडा से संचालित था। दिशा रवि की तरफ से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि दिशा का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है और सिख फॉर जस्टिस या पीजेएफ से भी उनका कोई कनेक्शन नहीं है।