भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों एवं प्रशासकों के साथ एक राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय परामर्श की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने भाग लिया। सचिव, उच्च शिक्षा श्री अमित खरे, सचिव, स्कूल शिक्षा श्रीमती अनीता करवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।
इस अवसर पर चर्चाओं की शुरुआत करते हुए शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस परामर्श से जुड़ी प्रारंभिक चर्चाओं में व्यापक सहयोग देने और आज की बैठक में उपस्थित रहने के लिए भारत सरकार के कैबिनेट मंत्रियों का आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि 21 मई, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नौ केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।
यह बैठक 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं और अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाएं कराने के बारे में चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। शिक्षा मंत्री ने इन परीक्षाओं के संबंध में अपना व्यापक समय और बहुमूल्य सुझाव देने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और शिक्षा राज्य मंत्री का धन्यवाद किया।
I thank all the Hon'ble Chief Ministers, Education Ministers, and officers associated with the world's largest education system for participating in the high-level meeting chaired by Hon'ble Minister of Defence Shri @rajnathsingh Ji. pic.twitter.com/i4e8p5lH90
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 23, 2021
शिक्षा मंत्री ने भारत सरकार की पहली प्राथमिकता के रूप में बच्चों की सुरक्षा एवं हिफाजत के लिए प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। मंत्री महोदय ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं अकादमिक कल्याण और शिक्षा प्रणाली का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूरा देश एकजुट हो गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद सरकार ने शिक्षा को ऑनलाइन मोड में सफलतापूर्वक लाने में अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि घरों को स्कूलों में तब्दील कर दिया गया।
केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने और करियर को परिभाषित करने में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं व अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं के महत्व पर विचार विमर्श किया। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कक्षा 10 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और आंतरिक आकलन के माध्यम से मूल्यांकन करने का फैसला किया है, लेकिन एक विद्यार्थी के भविष्य के निर्धारण के लिए 12वीं कक्षा की परीक्षाएं काफी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उपलब्ध विभिन्न विकल्प तलाशने में सक्षम बनाने के लिए केन्द्र और राज्य बोर्डों व अन्य परीक्षा एजेंसियों की यह बैठक बुलाई गई है। श्री पोखरियाल ने भरोसा दिलाया कि आज की बैठक में सभी हितधारकों के साथ हुए विचार-विमर्श से विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं पर उपयुक्त फैसला लेने में सहायता मिलेगी और हमारे बच्चों का एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा।
इस दौरान हुआ विचार-विमर्श, दो विषयों – केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य राज्य बोर्डों द्वारा कक्षा 12 के लिए आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं तथा विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा। परीक्षाओं का तरीका, प्रक्रिया, अवधि और समयसीमा से संबंधित विभिन्न विकल्पों पर चर्चा हुई। हालांकि, बोर्डों की सहमति के बावजूद यह फैसला लिया गया कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश आगे इस मामले पर विचार कर सकते हैं और 25 मई, 2021 तक लिखित में अपना फीडबैक भेज सकते हैं।
बैठक में झारखंड और गोवा के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री तथा राज्य शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा सचिव, परीक्षा बोर्डों के अध्यक्ष, केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, सीबीएसई, यूजीसी और एआईसीटीई के चेयरमैन, महानिदेशक राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
संक्षेप में, केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने परीक्षाएं कराने के प्रस्तावों पर मिले सकारात्मक सुझावों पर सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से, कोई अन्य सुझाव होने पर मंगलवार, 25 मई तक उन्हें शिक्षा मंत्रालय को भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, मंत्रालय सभी सुझावों पर विचार करेगा और जल्द ही अंतिम फैसला लेगा। उन्होंने दोहराया सरकार की प्राथमिकता सुरक्षित माहौल में सभी परीक्षाओं का आयोजन करना है।
इससे पहले 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सूचना दी थी कि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं और विद्यार्थियों को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में 1 जून तक आगे की जानकारी दी जाएगी। इस संदर्भ में, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ हुए परामर्श के क्रम में भारत सरकार इस सप्ताह विभिन्न राज्य सरकारों से मिले सुझावों का परीक्षण करेगी और इस संबंध में 1 जून, 2021 या उससे पहले विद्यार्थियों को अग्रिम सूचना दी जाएगी।