प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में चार मेडिकल कालेजों की नींव रखी। इस दौरान उन्होंने पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलाजी इंस्टीट्यूट का भी उद्धाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े।
प्रधानमंत्री के इस सौगात से स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के साथ प्रदेश में विकास की धारा को नया मोड मिलेगा। इसके तहत दौसा , बांसवाड़ा, सिरोही और हनुमानगढ़ जिले में मेडिकल कालेज बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चारों जिलों में बनने वाले मेडिकल कालेज का वर्चुअल शिलान्यास किया।
मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ सिखाया है। हर देश इस संकट से अपने-अपने तरीके से निपटने में लगा हुआ है। भारत ने इस दौरान अपनी ताकत, आत्मनिर्भरता बढ़ाने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदलने के लिए एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम कर रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान से आयुष्मान भारत और अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन आदि इसी का हिस्सा हैं।
आयुष्मान भारत मिशन हेल्थ के क्षेत्र में करेगा मदद- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में लांच किए गए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन देश के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में मदद करेगा। अच्छे अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, फार्मेसियों आदि तक पहुंच बस एक क्लिक की दूरी पर होगी। इससे मरीजों के मेडिकल दस्तावेज सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
88 करोड़ से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कुशल कर्मियों का प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं में देखने को मिल रहा है। कोरोना महामारी के दौरान इसका महत्व अधिक महसूस किया गया। जिसका परिणाम है कि केंद्र ने मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया और जारी रखा है। आज भारत ने 88 करोड़ से अधिक की वैक्सीन दी है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा,’ पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया पर कैसे-कैसे आरोप लगते थे। इसका बहुत बड़ा प्रभाव मेडिकल शिक्षा की क्वालिटी पर पड़ा। हर सरकार इसमें बदलाव के बारे में सोचती थी, लेकिन कर नहीं पाई।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे भी इसमें सुधार करने में दिक्कत आई थी । इसे ठीक कर अब नेशनल मेडिकल एजुकेशन कमिशन बना दिया गया। उन्होंने कहा कि मेडिकल सुविधाओं की हालत में सुधार करना बहुत चुनौतीपूर्ण था। हमने इस चुनौती को स्वीकारा और मिलकर हालात बदलने की कोशिश की।’