पेगासस मामला: सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को मिली राहत, इन बातों को गुप्त रखने की दी छूट

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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पेगासस मामले में जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया और कहा कि इनपर सार्वजनिक बहस नहीं हो सकती है।

इसके बाद केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। नोटिस में केंद्र को 10 दिन बाद दोबारा इसपर विचार करने की बात कही गई है। हालांकि इस दौरान कोर्ट यह भी कहा कि सरकार को ऐसा कुछ खुलासा करने की जरूरत नहीं है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो।

चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय बेंच ने यह टिप्पणी सरकार के यह कहने के बाद की कि हलफनामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है। पीठ ने कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करेगी लेकिन इस मामले में सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी और देखेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार ने सोमवार को दाखिल हलफनामे में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। मेहता ने पीठ को बताया, ”हमारी प्रतिक्रिया वही है जो हमने सम्मानपूर्वक अपने पिछले हलफनामे में दी थी। कृपया इस मामले को हमारे नजरिए से देखें क्योंकि हमारा हलफनामा पर्याप्त है। भारत सरकार देश की सर्वोच्च अदालत के सामने है।”

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह वह सभी पहलुओं के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी और यह समिति शीर्ष अदालत के सामने अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, ”छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू जुड़ा है।” मेहता ने कहा कि यह मामला ”सार्वजनिक बहस का मुद्दा” नहीं हो सकता और विशेषज्ञों की समिति शीर्ष अदालत को रिपोर्ट देगी।

क्या है पेगासस जासूसी का पूरा मामला

बता दें कि ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर प्रमुख नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी कराए जाने से संबंधित हैं। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में थे।