किसान आंदोलन – संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्षी पार्टियां करेंगी बहिष्कार

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Opposition parties will boycott President's address in Parliament

नई दिल्ली। कांग्रेस और अन्य 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाई है। विपक्षी पार्टियों ने कहा कि वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। इस बात की जानकारी राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने दिया।

शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद बजट सत्र आरंभ हो जाएगा। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और संयुक्त बयान भी जारी किया है।

विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, ‘किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है। सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा।’

विपक्षी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।