नोएडा सुपरटेक मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ने एफ आई आर दर्ज कर ली है। इस मामले में तीन रिटायर्ड आईएएस समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। केस नोएडा के सीनियर मैनेजर प्लैनिंग वैभव गुप्ता की तहरीर पर दर्ज की गई है।
जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है उसमें रिटायर आईएएस अधिकारी और तत्कालीन सीईओ नोएडा मोहिंदर सिंह, रिटायर आईएस तत्कालीन सीईओ एसके द्विवेदी, रिटायर्ड आईएएस तत्कालीन एसीईओ आरपी अरोरा, रिटायर ओएसडी यशपाल सिंह शामिल है। इन सभी पर एफ आई आर एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घपले में नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक के अधिकारियों की मिलीभगत के सबूत मिले हैं। जांच में पता चला है कि सुपरटेक ने नियमों की अनदेखी की। वहीं मामले में नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बिल्डर को अनुचित लाभ देने के लिए नियमों के विपरीत जाकर काम किया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड को आवंटित ग्रुप हाउसिंग भूखंड पर बने अवैध टावर संख्या T-!16 और T-17 को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। साथ ही मामले में नोएडा अथॉरिटी के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा था। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईआईडीसी संजीव मित्तल के अध्यक्षता में जिम्मेदारी तय करने के लिए 4 सदस्य की समिति गठित की गई थी। समिति ने राज सरकार को 3 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।