नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के एडिशनल सेशंस जज की संदिग्ध हत्या के मामले में सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो जांच की साप्ताहिक रिपोर्ट झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को मामले की मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया।
बता दें कि पिछले 6 अगस्त को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में जजों पर हमले पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने इस मामले पर सभी राज्यों से 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने अटार्नी जनरल से भी सुझाव मांगा था।
तब कोर्ट ने कहा था कि जजों की सुरक्षा पर राज्य गंभीर नहीं हैं। धमकी की शिकायत को पुलिस या सीबीआई भी गंभीरता से नहीं लेते। चीफ जस्टिस ने कहा था कि एक और नया चलन शुरू हुआ है। आपराधिक मामलों में जब बड़े लोग शामिल होते हैं और पसंदीदा आदेश नहीं आता तो कोर्ट की छवि खराब करने लग जाते हैं। यह सब चिंताजनक है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जज हत्याकांड मामले का संज्ञान 30 जुलाई को लिया था। कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। पिछले 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने चीफ जस्टिस रमना के सामने इस मामले को मेंशन किया था।
विकास सिंह ने कहा था कि जब जज महोदय मार्निंग वाक पर थे तो उन्हें ऑटो से टक्कर मारी गई। ये न्यायपालिका पर हमला है। उन्होंने कहा था कि जज महोदय गैंगस्टर की जमानत याचिकाओं की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी।