संयुक्त राष्ट्र। इसरायल-फिलिस्तीन के बीच पिछले एक सप्ताह चल रहे हिंसा और संघर्ष को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि भारत, यरुशलम और ग़ज़ा में जारी हिंसा को लेकर चिंतित है। सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद भारतीय दूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत हर तरह की हिंसा की निंदा करता है और तत्काल तनाव ख़त्म करने की अपील करता है।
भारतीय दूत तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत फ़िलिस्तीनियों की जायज़ माँग का समर्थन करता है और दो-राष्ट्र की नीति के ज़रिए समाधान को लेकर वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत ग़ाज़ा पट्टी से होने वाले रॉकेट हमलों की निंदा करता है, साथ ही इजरायली बदले की कार्रवाई में भी बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं, जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं जो बहुत दुखद है। इस हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है जो अश्कलोन में एक परिचारिका थीं, हमें उनके निधन से गहरा दुख पहुँचा है।
यह पहला मौक़ा है जब भारत ने इजरायल और फ़लस्तीनियों के बीच जारी ताज़ा संघर्ष के बारे में खुलकर अपना पक्ष सामने रखा है। इससे पहले भारत की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया था। भारतीय दूत ने कहा कि तत्काल तनाव घटाना समय की माँग है ताकि स्थिति न बिगड़े और नियंत्रण से बाहर न हो जाए। उन्होंने कहा कि यरुशलम लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। भारत से हज़ारों लोग यरूशलम आते हैं, क्योंकि यहाँ वह गुफ़ा है जिसमें भारत के सूफ़ी संत बाबा फ़रीद ध्यान किया करते थे। भारत ने इस गुफा का संरक्षण किया है।
उन्होंने कहा कि यरुशलम के धार्मिक स्थलों पर ऐतिहासिक रूप से चली आ रही यथास्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए जिनमें हरम शरीफ़ और टेंपल माउंट भी शामिल है। उनका कहना है कि ताज़ा संघर्ष के बाद इजराइल और फ़लस्तीनी प्रशासन के बीच बातचीत दोबारा शुरू करने की ज़रूरत और बढ़ गई है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में मारे गए लोगों में 10 महिलाएं और आठ बच्चे भी थे, जबकि 50 लोग घायल हो गए। इससे पहले इजरायली सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी शहर खान यूनिस में अलग हवाई हमले में गाजा के शीर्ष हमास नेता याहिया सिनवार के आवास को जमींदोज कर दिया था।