भारत ने चीन और पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) गैरकानूनी तरीके से कब्जा किए गए भारतीय जमीन पर बना है, इसका निर्माण भी तुरंत बंद करे।
भारत सरकार का यह बयान चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की हाल की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के बाद आया है। चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की संयुक्त बयान में जिस तरह से कश्मीर का जिक्र किया गया है, वह भारत को पूरी तरह से नागवार गुजरा है।
भारत ने दोनों देशों को सख्त चेतावनी दी है कि वे भारत के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करना बंद करें। गैरकानूनी तरीके से कब्जा किए भारतीय जमीन पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का निर्माण भी बंद करें।
बता दें कि सोमवार को बीजिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीन के विदेश मंत्री वांग ई के बीच मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर का जिक्र था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा की तरह इन देशों के बयान में जम्मू व कश्मीर का जिक्र आने को सिरे से खारिज करता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और आगे भी रहेंगे।
बैठक में भारत ने नहीं लिया था हिस्सा
सीपीईसी पर चीन की तरफ से पहली बैठक वर्ष 2015 में बुलाई गई थी, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था। भारत के विरोध के बाद फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अंतरराष्ट्रीय ढांचागत विकास परियोजनाओं में दूसरे देशों की भौगोलिक अखंडता के आदर की बात कही है।