व्यक्ति का उच्च शिक्षित होना या उच्च योग्यता होना नौकरी पाने के लिए अवगुण नहीं – सुप्रीम कोर्ट

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भारत का सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता।

इसके साथ ही जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट की पीठ ने बीई या बीटेक डिग्रीधारकों को हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में जूनियर इंजीनियर के पदों पर नौकरी के लिए आवेदन करने की इजाजत दे दी है। पीठ ने नियमों का बारीकी से गौर करने के बाद पाया कि नियुक्तियों में बड़ी हिस्सेदारी सीधी भर्तियों की होती है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह दिखाता है कि इस नियम को बनाने का मकसद डिग्रीधारकों को जूनियर इंजीनियर के पद पर विचार करने से दूर रखना नहीं है। पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल अभिनव मुखर्जी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि बोर्ड को जूनियर इंजीनियर पद के लिए न केवल डिप्लोमाधारकों को बल्कि डिग्रीधारकों को भी नियुक्त करने का अधिकार है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि डिग्रीधारक यह नहीं कह सकते कि उनके पास उच्च शिक्षा या योग्यता है, इसलिए वे जूनियर इंजीनियर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिसके बाद इस आदेश को कुछ बीई व बीटेक डिग्रीधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।