गणतंत्र दिवस किसानों के ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हिंसा के बाद किसानों का प्रदर्शन सवालों के घेरे में आ गया है। इस आंदोलन पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं। हिंसा को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है।
हिंसा के बाद किसान आंदोलन से दो किसान संगठनों में भी अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। संगठनों में बिखराव दिख रहा है। इसी बीच किसानों ने अपना संसद मार्च (Parliament March) को भी टाल दिया है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 1 फरवरी को संसद मार्च करने का ऐलान किया था।
शहीद दिवस पर देशभर में रैली
भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि कल ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के कारण 1 फरवरी को होने वाले संसद मार्च को हमने स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘शहीद दिवस पर हम किसान आंदोलन की ओर से पूरे भारत में सार्वजनिक रैलियां करेंगे। हम एक दिन का उपवास भी रखेंगे।’
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जो हुआ उससे देश की भावनाएं आहत हुई हैं। देशवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। जो कुछ भी हुआ उसके लिए हम खेद प्रकट करते हैं।
बलबीर राजेवाल ने इस पूरी घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये जो कुछ हुआ वो एक साजिश के तहत हुआ। जो रास्ते तय किए गए थे ट्रैक्टर परेड के लिए वो रास्ते बंद थे। जिन्होंने लालकिले पर झंडा फहराने की बात कही थी सरकार की उनसे मिलीभगत थी।’