भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पहली बार इजराइल में नई सरकार बनने के बाद दावा करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और इजराइल में नफताली बैनेट के नेतृत्व में बनी नई सरकार के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को अपने तीन दिवसीय दौरे पर इजराइल रवाना होंगे।
नेतन्याहू की सरकार के बाद इजराइल के साथ रिश्तो को मजबूत करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा हो रहा है। अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर इजरायली पीएम नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री यायर लापिड और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इयाल हुलता से मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्री के दौरे के बारे में इजराइल के विदेश सचिव एलोन उशपिज ने पुष्टि की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की इजरायल यात्रा से पहले उन्होंने देशवासियों को दशहरा की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार और बहुत करीबी दोस्त है।
बता दें कि भारत और इजरायल के बीच पुराने समय से ही परंपरागत रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों ने खुफिया जानकारी साझा करने और उग्रवाद विरोधी अभियानों में घनिष्ठ सहयोग विकसित किया है।
भारत ने 1950 में यहूदी राज्य इजराइल को मान्यता दी थी। हालांकि भारत ने इजराइल के साथ 1992 में पूर्ण रूप से राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच धार्मिक उग्रवाद और वैश्विक आतंकवाद को लेकर संबंधों में गहराई आई है।
भारत इजराइल के साथ हथियारों का भी सौदा करता है। भारत ने इजरायल से कल प्रमुख हथियारों का आयात भी किया है। कृषि क्षेत्र में भारत और इजराइल प्रमुख साझीदार हैं।