नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं हरिद्वार से लोकसभा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा आईसीएमआर द्वारा कोरोना के मॉडरेट लक्षण वाले मरीजों के लिए चिन्हित किए गए डी सी एच सी केंद्रों में महामारी के इलाज के लिए जरूरी उपकरणों के लिए सांसद निधि से 1.5 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की.
माननीय मंत्री जी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में कहा कि मेरी सांसद निधि से तत्काल प्रभाव से चार में से दो केंद्रों – बाबा बर्फानी एवं बेस हॉस्पिटल में 20 बीआईपीएपी मशीनें, 200 टाइप डी ऑक्सीजन सिलेंडर, 2 आई-स्टैट एबीजी, 50 आई-स्टैट एबीजी 100 कार्ट्रिज, 2 शार्प ब्लास्टर, 100 बीआईपीएपी मास्क एवं 1 ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाए.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आईसीएमआर ने हरिद्वार में चार सरकारी डी सी एच सी – बाबा बर्फानी, बेस हॉस्पिटल, मेला हॉस्पिटल और सिविल हॉस्पिटल रूडकी – चिन्हित किए हैं.
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पूरा देश इस महामारी के खिलाफ लड़ाई कर रहा है और हमारे सभी डॉक्टर एवं हेल्थकेयर वर्कर्स मरीजों की देखरेख में लगे हुए हैं. केंद्र सरकार देश के सभी अस्पतालों एवं कोविड केयर केंद्रों में सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
उन्होंने कहा कि हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं कि देश में कोरोना से संबंधित इलाज के लिए जरूरी किसी भी चीज़ की कमी ना हो. केंद्र सरकार के सभी मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद, विधायक एवं कार्यकर्त्ता इस लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं. हमें पूरा विश्वास है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम बहुत जल्द इस महामारी के खिलाफ जंग में जीत हासिल करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, “देशवासी भी उनके आह्वाहन पर लॉकडाउन का पूरी प्रतिबद्धता के साथ पालन कर रहे हैं. मैं भी सबसे अपील करना चाहता हूँ कि सभी प्रकार के एहतियात बरतें, मास्क लगाएं, समय-समय पर अपने हाथ साबुन से धोएं, सैनिटाइज़ करें एवं दो गज की दूरी बना कर रखें और अत्यंत आवश्यक कामों के लिए ही घर से बाहर निकलें. हमें कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सभी का साथ चाहिए होगा.”
बता दें कि केंद्रीय मंत्री डॉ निशंक भी अभी हाल ही में कोरोना से जंग जीत कर वापस आएं हैं. स्वस्थ होने के बाद डॉ निशंक ने अपना कार्यभार संभाला और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दिया.