डॉ निशंक ने ताजिकिस्तान के राजदूत के साथ दोनों देशों के बीच शिक्षा संबंधों पर चर्चा की

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डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ताजिकिस्तान के राजदूत लुकमोन बोबोकलोनजोद के भारत और ताजीकिस्तान के बीच शैक्षणिक संबंधों, भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्टडी इन इंडिया (एसआईआई), शैक्षणिक आदान प्रदान कार्यक्रम इत्यादि विषयों पर विस्तृत चर्चा की.

डॉ निशंक ने कहा, “ताजिकिस्तान के माननीय राष्ट्रपति की आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान भारत और ताजिकिस्तान के बीच 03 सितंबर 2012 को एक शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (ईईपी) पर हस्ता्क्षर किए गए थे जिसके तहत एक संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्ल्यूजी) बनाने की बात की गई थी. हालाँकि फ़िलहाल यह बनाया नहीं जा सका है और वर्तमान में, भारत और ताजिकिस्तान के बीच शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार का सक्रिय समन्वय नहीं है.”

इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने कहा, “ताजिकिस्तान इस अवसर का उपयोग भारत में अध्ययन (एसआईआई) कार्यक्रम का एक हिस्सा बनने के लिए कर सकता है. ताजिकिस्तान से अनुरोध है कि वह अपने छात्रों को भारत में अध्ययन (स्टडी इन इंडिया) कार्यक्रम के माध्यम से अग्रणी भारतीय उच्चतर शिक्षण संस्थानों / विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करे.”

केंद्रीय मंत्री ने श्री लुकमोन बोबोकलोनजोद को स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत ताजिकिस्तान को एक लक्षित देश के रूप में चुना गया है जिसका लक्ष्या भारतीयसंस्थानों में ताजिक छात्रों के नामांकन में वृद्धि करना है.

इसके अलावा डॉ निशंक ने बताया कि ताजिकिस्तान सार्क के बाहर भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) और भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद (आईसीसीआर) के छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के बड़े लाभार्थियों में से एक है. उन्होंने बोबोकलोनजोद को भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी बताया और इससे विदेशी छात्र किस तरह से लाभान्वित हो सकते हैं.