नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में पीएम मोदी राज्यसभा में संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई।
पीएम मोदी ने सदन में कहा कि पूरी दुनिया कोरोना काल में भारत के लिए चिंतित थी। दुनिया ने आशंका जाहिर की थी कि अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए बहुत बड़ा संकट होगा। पूरी मानव जाति के लिए बहुत बड़ा संकट होगा। करोड़ो लोगों की मौत हो सकती है। लेकिन भारत ने अपने नागरिकों की रक्षा करने के लिए अज्ञात दुश्मन से जंग की।
आज विश्व इस बात पर गर्व कर रहा है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है। ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति ने नहीं जीती, लेकिन भारत को तो इसका क्रेडिट जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से युद्ध के दौरान एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन असका भी मजाक उड़ाया गया। लेकिन विपक्ष ने देश को मनोबल को नहीं समझा। आलोचना ठीक है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे देश का आत्मविश्वास प्रभावित होता हो।