बिहार में बाढ़ की स्थिति काफी खराब हो गई है। पूर्वी बिहार के कई जिले भी इस बार बाढ़ की चपेट में हैं। भागलपुर रेल मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मुंगेर जिले के रतनपुर रेलवे मार्ग पर पानी पटरी के ऊपर आ गई है। जगह-जगह पटरी भी धंस गई है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त भागलपुर, खगड़िया और बेगूसराय जिले का हवाई सर्वेक्षण कर जमीनी हकीकत का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे सामुदायिक किचन का मुआयना किया।
सीएम ने कहा, खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का
भागलपुर दौरे के दौरान सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का सबसे पहला हक होता है। बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी। उनके रहने और खाने का समुचित व्यवस्था की जाएगी। भागलपुर जिले के नवगछिया में बाढ़ राहत केंद्र का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित रहा है। सिंचाई विभाग को निर्देश दिया गया है कि स्थिति का जायजा ले और इसके स्थाई समाधान की योजना बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत मिले इसकी व्यवस्था की जा रही है। आपदा पीड़ित प्रत्येक परिवार को 6000 रुपये दिया जाता है। इसके अलावा इनके रहने और भोजन का इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के ऊपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान बच्चा होने पर यदि वह लड़का है तो उसे 10,000 और लड़की होती है तो उसे 15000 रुपये दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सबसे पहला काम बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाना है। इसके लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है।
इससे पहले राज्य में बाढ़ के बिगड़े हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले खगड़िया पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ की चपेट में आए क्षेत्रों का दौरा किया। खासकर गंगा के जलस्तर का सबसे ज्यादा दबाव गोगरी- नारायणपुर तटबंध को झेलना पड़ रहा है, जिसे देखने मुख्यमंत्री भरतखंड पहुंचे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवगछिया से सड़क मार्ग से खगड़िया पहुंचे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। मुख्यमंत्री के साथ खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और स्थानीय जदयू विधायक डॉ संजीव भी मौजूद थे।
बेगूसराय में बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा फूटा
देर शाम बिना किसी सूचना के बेगूसराय पहुंचे सीएम उलाव हवाई अड्डा पर हेलीकॉप्टर से उतरे मुख्यमंत्री सबसे पहले डीएम-एसपी समेत अधिकारियों की टीम के साथ मटिहानी प्रखंड के खोरामपुर ढाला पहुंचे। यहां से छितरौर तक पैदल ही बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान गुप्ता-लखमीनिया बसे सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने मुख्यमंत्री के सामने सामुदायिक किचन की व्यवस्था के साथ राहत एवं बचाव कार्य में हो रही लापरवाही को लेकर जमकर भड़ास निकाली।
लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप आज आए हैं तो सामुदायिक किचन में बढ़िया वाला चावल बन रहा है और टमाटर की सब्जी बन रही है लेकिन यहां हमेशा साधारण चावल और सिर्फ सड़े हुए आलू की सब्जी दी जाती है। अभी तक सभी बाढ़ पीड़ितों को पॉलीथिन नहीं मिला है। अस्थाई शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। लोगों से जानकारी लेने और हालत का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने डीएम को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने तथा सभी व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया।