अफगानिस्तान संकट: यूएन ने जताई चिंता, देश में फैल सकती है भुखमरी

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अफगानिस्तान में भुखमरी

एक तरफ दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है। दूसरी तरफ अफगानिस्तान में 15 अगस्त को तालिबान ने कब्जा कर लिया। कब्जे के बाद अफगानिस्तान में अराजकता चरम पर पहुंच चुकी है। इलाके में अंतरराष्ट्रीय मदद भी पहुंचने में दिक्कत हो रही है।

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी (Food Agency) के अनुसार यहां 1 करोड़ 40 लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि यहां पर संयुक्ट राष्ट्र सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के लिए काम करने वाले लोगों की सुरक्षा को भी गंभीर खतरा हो गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने अपने 100 कर्मचारियों को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाल लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्व खाद्य योजना की कंट्री डायरेक्टर मेरी एलन मैकग्रोट्री ने एपी को काबुल से बताया कि अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष के दौरान यहां पर सबसे बड़ी दिक्कत जरूरतमंदों की सहायता करने में आ रही है।

तीन साल में दूसरी बार अफगानिस्तान फिर अकाल और सूखे का सामना कर रहा है। इस समस्या को हिंसा व कोरोना महामारी ने और बढ़ा दिया है। चालीस फीसद फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। हजारों पशु मर गए हैं। हिंसा की स्थिति में मदद के रास्ते भी बंद हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने पत्रकारों को बताया कि संयुक्त राष्ट्र के 100 कर्मचारियों को काबुल से अल्माटी भेजा गया है। जैसे ही अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य होगी, ये कर्मचारी वापस लौट जाएंगे। फिलहाल ये सभी दूर से ही अपना काम जारी रखेंगे।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा कब्जा होने के बाद दुनिया के कई बड़े देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है या निकालने की कोशिश में लगे हैं। तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। लोग अपनी जान बचाने के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं। अगर ऐसे ही हालत रहे तो यह दशक की सबसे बड़ी मानव त्रासदी हो सकती है।