कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। केस में इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्ष्य मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद व तीन अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। मीनाक्षी गुप्ता ने मुख्यमंत्री से बातचीत की जानकारी खुद मीडिया को दी और उनकी बात पर भरोसा होने के बाद शव लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गए।
सीएम योगी ने बातचीत के बाद मनीष गुप्ता के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी अड़ी रहीं। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।
परिवार से इस बात पर अड़े थे कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा,वे मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। डीएम-एसएसपी के मनाने पर भी बात नहीं बनी। बाद में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई।
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों को पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए नामजद तहरीर दी। इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव,कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल किया था।