कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग की टीम चुनाव पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा भी शामिल हैं। कोलकाता में चुनाव आयोग की सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई।
मीटिंग के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए वोटर्स लिस्ट को ऑडिट करने की मांग की। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बॉर्डर के इलाकों में बांग्लादेशी लोगों को भी वोटर्स लिस्ट में एंट्री दी गई है। बीजेपी ने कहा कि राज्य में गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं। बीजेपी की तरफ से स्वपन दासगुप्ता, दिलीप घोष ने बैठक में हिस्सा लिया।
वहीं बीजेपी के आरोप पर तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थो चटर्जी ने चुनाव आयोग को बताया कि बॉर्डर के इलाकों में बीएसएफ एक ही पार्टी के लिए काम कर रही है। हालांकि टीएमसी ने किसी पार्टी का नाम इस दौरान नहीं लिया। टीएमसी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ के जवान लोगों को डरा धमका रहे हैं। वोटर लिस्ट में रोहिंग्या का नाम नहीं जोड़ा गय है। कोई ऐसा कह रहा है तो वह झूठ है।
चुनाव आयोग द्वारा आयोजित बैठक में टीएमसी नेता पार्थो चटर्जी ने कहा कि रोहिंग्या का नाम जोड़कर बीजेपी चुनाव आयोग पर दवाब बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं सीपीएम ने सवाल दागते हुए पूछा कि बीजेपी और टीएमसी द्वारा रैलियों और रोड शो में “गोली मारो” स्लोगन का इस्तेमाल कर रही है तो चुनाव में हिंसा कैसे रोका जाएगा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी इस वक्त सत्ता में है। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को भी डर है कि बीजेपी उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती है। हाल ही में कई टीएमसी नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है।