नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए केस में सोमवार को कुछ कमी दर्ज की गई। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का भारतीय स्वरूप ब्रिटिश स्वरूप के समान ही तेजी से फैल सकता है लेकिन यह मूल वायरस से अधिक घातक हैं या नहीं, इसका सबूत बहुत कम मिला है।
SARSCOV-2 के B.1.617 स्वरूप को डबल म्यूटेशन वाला या भारतीय स्वरूप भी कहा जाता है। कोरोना का भारतीय स्वरूप महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह से प्रभावित महाराष्ट्र और दिल्ली में काफी मिला है।
दिल्ली और महाराष्ट्र में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में काफी तेजी आयी है और स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। राजधानी दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी महसूस की गई है।
आईजीआईबी देश भर की 10 प्रयोगशालाओं में से एक है जो वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अनुभव को देखते हुए यह स्वरूप तेजी से फैलने वाला लगता है, लेकिन इसका साबित होना बाकी है। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रमाणों को देखते हुए यह स्वरूप (B.1.617) अधिक तेजी से फैल सकता है।
वहीं नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (NCBS) के निदेशक सौमित्र दास ने कहा कि बी.1.617 स्वरूप के घातक होने के संबंध में अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं है।