आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए वायुसेना को रक्षामंत्री का निर्देश, नई रणनीतियां बनाने की दी सलाह

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना कमांडरों को भविष्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं और रणनीतियां बनाने की सलाह दी है। पूर्वी लद्दाख में अचानक संघर्ष का माहौल बनने पर चीन को समय पर और उचित प्रतिक्रिया देने के लिए वायुसेना को बधाई देते हुए उन्होंने भविष्य में पुन: ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय वायुसेना की सेवाओं को सराहा।

रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि तीन दिन चलने वाले सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे। सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख की अगुवाई में एयरफोर्स के सभी कमांडर्स दुश्मन पर अपनी बढ़त बनाने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

रक्षामंत्री गुरुवार को वायुसेना मुख्यालय ‘वायु भवन’ में वायुसेना के कमांडरों के तीन दिवसीय द्विवार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान खुशी जाहिर की कि यह सम्मेलन वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह की जयंती पर आयोजित किया जा रहा है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ट्रांस-अटलांटिक से ट्रांस-पैसिफिक पर ध्यान केंद्रित करने की अवधारणात्मक बदलाव अधिक स्पष्ट हो गया है। अब युद्ध के नए आयामों में उन्नत प्रौद्योगिकियां असीमित क्षमताओं के साथ शामिल होंगी। इसलिए भविष्य के लिए वायुसेना को अपनी तैयारियों में इन पहलुओं को भी शामिल करना चाहिए।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के लिए वायुसेना के आदेश से घरेलू रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह स्वदेशी दृष्टिकोण से गेम चेंजर होगा। उन्होंने कमांडरों से स्वदेशी रक्षा उत्पादन और विमान रखरखाव के क्षेत्र में और भी अधिक परिणाम प्राप्त करने के अपने प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। 

उन्होंने वर्तमान में चल रही सेनाओं के एकीकरण प्रक्रिया, संयुक्त लॉजिस्टिक योजना के कार्यान्वयन, संयुक्त योजना और संचालन के क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने के लिए लगातार काम करने की आवश्यकता पर जोर भी दिया।

बता दें कि कमांडर्स सम्मेलन 16 अप्रैल से शुरु होकर 21 अप्रैल को समाप्त होगा। इस दौरान वर्तमान लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने और भारतीय वायुसेना को भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू बल बनाने की कार्ययोजना की समीक्षा की जाएगी।