नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में हरदीप पुरी ने कहा कि पिछले कई महीनों से सेंट्रल विस्टा परियोजना के बारे में गलत जानकारियां फैलाई जा रही है। इस परियोजना को पूरा करने का फैसला महामारी से पहले लिया गया था। उन्होंने बताया कि संसद का नया भवन बनाना देश के हित में है।
पुरी ने बताया कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 35 करोड़ के करीब थी। लेकिन अब आबादी के साथ सांसदों की संख्या भी बढ़ी है। संसद भवन में ठीक से बैठने की जगह नहीं हो पाती। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी नए संसद भवन की मांग कर चुके हैं। नए संसद भवन के निर्माण पर कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये है।
महामारी पर खर्च होने वाले फंड को सेंट्रल विस्टा पर खर्च किए जाने के विपक्ष के बयान का जवाब देते हुए हरदीप पुरी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का वैक्सीन पॉलिसी से जोड़ कर देखना गलत है। वैक्सीन प्रोग्राम को संसद भवन निर्माण से कोई लेना देना नहीं है। टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए पैसे की कमी नहीं है। जबकि सेंट्रल विस्टा परियोजना का अलग बजट है। दोनों योजनाओ को मिलाकर गलत बयानी की जा रही है।उन्होंने कहा कि 2022 में हम आजादी के 75 साल पूरे होने तक नई पार्लियामेंट बिल्डिंग तैयार करना चाहते हैं।
मीरा कुमार ने नए भवन बनाने को लेकर लिखी थी चिट्ठी
हरदीप पुरी ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के ओएसडी ने शहरी विकास मंत्रालय के सचिव को चिट्ठी लिखकर बताया कि एक नई पार्लियामेंट बिल्डिंग तैयार करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ जयराम रमेश ने भी नए भवन बनाने की वकालत करते हुए समाचार पत्र में लेख लिखा था।
उन्होंने बताया कि अभी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत दो प्रोजेक्ट को इंप्लीमेंट किया जा रहा है। एक संसद भवन और दूसरा सेंट्रल विस्टा एवेन्यू जिसके तहत राजपथ को चौड़ा किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, नई पार्लियामेंट बिल्डिंग तैयार करने पर प्रस्तावित खर्च 862 करोड़ का है जबकि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के तहत राजपथ को चौड़ा करने पर कुल बजट 477 करोड़ का है।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा पर सुनवाई करते हुए इसके काम को जारी रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि यह याचिका ‘किसी मंशा से प्रेरित लगती है।