नई दिल्ली। शनिवार को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के पहले इंडिया टॉय फेयर 2021 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परिवारों में प्ले टाइम की जगह स्क्रीन टाइम ने ले ली है। खिलौनों का वैज्ञानिक पहलू समझना चाहिए। स्कूल में इस पर प्रयोग करना चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति में प्ले आधारित शिक्षा को शामिल किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति में बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सभी माता-पिता से अपील है कि बच्चों के साथ पढ़ाई में हिस्सा होते हैं, वैसे ही खेलों में शामिल होइए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बच्चों को बर्तन वाले खिलौने दीजिए, तो वह ऐसे करेगा जैसे आज रसोई की पूरी जिम्मेदारी उसी की है। वह डॉक्टर बन जाएगा और तबीयत देखने लगेगा। रॉकेट का खिलौना मिलते ही स्पेस मिशन पर निकल जाता है। उन्हें एक खिलौना चाहिए, जो उनकी क्रिएटिविटी को जगा दे।’
उन्होंने कहा, ‘आपसे बात करके लगा कि देश की टॉय इंडस्ट्री में कितनी ताकत है। इसे बढ़ाना आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है। हम आज देश के पहले टॉय फेयर का हिस्सा बन रहे हैं। यह केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। यह देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी है।
उन्होंने कहा कि टॉय फेयर 2021 में आपके पास भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के ईको सिस्टम के बारे में जानने का अवसर होगा। खिलौनों और भारत का रचनात्मक संबंध बहुत पुराना है। हमारे धर्मग्रंथो में बाल राम के लिए कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है। गोकुल में कृष्ण कंदुक से खेलने जाते थे। मंदिरों में खिलौनों को उकेरा गया है।