अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए तालिबान को पूर्ण रूप से समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब उसके बचाव के साथ विश्व के दूसरे देशों से भी दो-दो हाथ करने का दम भर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों के वैश्विक आतंकी सूची में शामिल होने पर अफगानिस्तान के बचाव में उतरे पाकिस्तान ने विश्व बिरादरी को परोक्ष धमकी तक दे डाली है।
पाकिस्तान ने कहा है कि अगर अफगानिस्तान को अलग-थलग किया गया तो पूरे विश्व को इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा। यह दावा पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने किया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने अंतरराष्ट्रीय संस्था से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने की अपील की है।
स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस के साथ अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा करने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि क्षेत्र और दुनिया के लिए अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के नतीजे गंभीर होंगे। उन्होंने कहा कि डराने-धमकाने, दबाव बनाने और जबरदस्ती करने की नीति काम नहीं आई।
अल्बेरेस के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कुरेशी ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर दुनिया को नए और सकारात्मक नजरिये से सोचने की जरूरत है। उन्होंने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भी दुनिया से मदद की अपील की।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए विश्व समुदाय को मानवीय सहायता मुहैया कराने के साथ ही रचनात्मक तरीके से उससे जुड़ना चाहिए।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत गुलाम इसकजई ने कहा कि निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर बनाई गई अंतरिम तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी प्रतिबंधित तालिबान नेताओं को यात्रा पाबंदियों में दी गई छूट की दोबारा समीक्षा करनी चाहिए क्योंकि वे शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष को सुलझाने में विफल रहे हैं।
सुरक्षा परिषद की बैठक में इसकजई ने कहा कि हमारे सामने प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि किस तरह से तालिबान अफगानिस्तान में ज्यादती और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल तालिबान के अत्याचारों का पता लगाने के लिए एक टीम अफगानिस्तान भेजने का आग्रह किया।