नई दिल्ली। भारत में किसान आंदोलन के दौरान अशांति और अस्थिरता पैदा करने के लिए एक इंटरनेट दस्तावेज तैयार करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का पर्दाफाश पहले ही हो चुकी है। दिल्ली पुलिस ने अब अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। गूगल टूलकिट तैयार या संपादित करने के मामले में वकील नितिका जैकब और शांतनु के साथ अमेरिका की कैलिफोर्निया में रहने वाले एक व्यक्ति पीटर फ्रेड्रिक का नाम भी सामने आया है।
बदा दें कि दिल्ली पुलिस ने पिछले शनिवार को बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान मुंबई की वकील नितिका जैकब और शांतनु का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का रूख किया और वहां से उनके खिलाफ गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट हासिल किया।
अमेरिकी की कैलिफोर्निया निवासी पीटर फ्रेड्रिक का नाम सामने आने के बाद इस बात को और बल मिलने लगा है कि कैसे भारत की एकता और अखंडता को छिन्न-भिन्न करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिशें रची जा रही हैं।
बता दें कि पीटर फ्रेड्रिक वहीं व्यक्ति है जो अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े संगठनों के खिलाफ अभियान चलाता रहा है। उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी संगठनों के साथ मिलकर ह्यूटन में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम का विरोध किया था।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि टूलकिट तैयार करने में पीटर फ्रेड्रिक, भिंडर और खालिस्तानी समर्थक मो धालीवाल की किस सीमा तक भागीदारी थी, इसका खुलासा अभियुक्त से पूछताछ के बाद होगा। एडवोकेट निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। न्यायमूर्ति पीडी नाइक मामले को लेकर कल सुनवाई करेंगे।