मोदी सरकार ने अपनी सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाप कारगर और मजबूत इच्छाशक्ति बताया है। प्रधानमंत्री का कहना है कि मौजूदा केंद्र सरकार पहले की सरकारों की तरह काम नहीं करती है और ना ही पहले की सरकारों की तरफ मौजूदा सरकार नीति है। मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करना जानती है।
प्रधानमंत्री ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन और सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन की ज्वांइट कांफ्रेंस के दौरान कहा कि केंद्र सरकार के पास भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति है।
पीएम मोदी के इस मौके पर कहा कि भ्रष्टाचार के अन्याय को खत्म करना है। हम सभी प्रकार के सरकारी प्रक्रियाओं को आसान कर रहे हैं। गरीबों को सताने वालों और उन्हें परेशान करने वालों और लूटने वालों पर कोई रहम नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहले के सिस्टम में कई खामियां थी। पहले की तरह सरकार नहीं चल रही है। अब सरकार एक कसौटी पर चल रही है और वह जनहित जन सरकार। अब मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्ननेंस है।
न्यू इंडिया को ट्रांसपेरेंट सिस्टम चाहिए। उन्हें स्मूथ गवर्नेंस चाहिए। हमने देशवासियओं के जीवन से सरकार के दखल को कम करने को एक मिशन के रूप में लिया है। मैक्सिमम गवर्नमेंट कंट्रोल के बजाय मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर फोकस किया।
आज 21वीं सदी का भारत, आधुनिक सोच के साथ ही टेक्नोलॉजी को मानवता के हित में इस्तेमाल करने पर बल देता है। आज देश को ये भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है।
बीते 6-7 सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं, कि बढ़ते हुए करप्शन को रोकना संभव है। भ्रष्टाचार छोटा हो या बड़ा, वो किसी ना किसी का हक छीनता है। ये देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है।