भारत की वैक्सीन कूटनीति का दिखा असर, श्रीलंका ने पोर्ट के टर्मिनल विकास का काम भारत को सौंपा

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कोलंबो पोर्ट टर्मिनल

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद वैक्सीन को लेकर दुनिया के देशों में होड़ मच गई। भारत ने मानवीय आधार पर कई देशों को करोड़ो कोरोना वैक्सीन की डोज मुफ्त में दिया है। इसका असर भी भारत को दिखने को मिला है। पड़ोसी देशों के साथ भारत की वैक्सीन कूटनीति की सार्थक पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।

कोलंबो पोर्ट टर्मिनल का काम भारत को मिला

इसी कड़ी में श्रीलंका में कोलंबो पोर्ट के वेस्टर्नन कंटेनर टर्मिनल के विकास का काम भारत को मिल गया है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन के कर्ज में फंसे श्रीलंका ने दबाव के बावजूद भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। इस टर्मिनल का विकास भारत और जापान के संयुक्त उद्यम वाली कंपनी द्वारा किया जाएगा।

कोलंबो पोर्ट सामरिक दृष्टि से अहम

श्रीलंका का कोलंबो पोर्ट सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। श्रीलंका कोलंबो पोर्ट की इस परियोजना को 35 साल के पट्टे पर भारत को देगा। बयान के मुताबिक, श्रीलंका मंत्रिमंडल ने सोमवार को कोलंबो साऊथ पोर्ट के वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के विकास को मंजूरी दी है।

बयान के अनुसार बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर प्रस्तावित परियोजना को समिति से मंजूरी मिलने के बाद उसे भारतीय उच्चायोग और जापानी दूतावास को भेजा गया था। इस संबंध में अडाणी पो‌र्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के प्रस्ताव को भारतीय उच्चायोग ने मंजूरी दे दी।

बता दें कि श्रीलंका पो‌र्ट्स अथारिटी ने पिछली सिरिसेन सरकार के समय मई 2019 में भारत और जापान के साथ इस बंदरगाह पर पूर्वी कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) के निर्माण का एक करार किया था। ट्रेड यूनियनों के विरोध के कारण उस समझौते को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पिछले महीने रद्द कर दिया। इसको लेकर भारत और जापान ने नाराजगी भी जाहिर की थी।