बीते दिनों जावेद अख्तर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तालिबान के साथ तुलना किए जाने को लेकर शिवसेना ने जवाब दिया है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने कहा है कि यह तुलना सही नहीं है। आरएसएस अगर तालिबानी विचारों वाला होता तो तीन तलाक के खिलाफ कानून नहीं बनता।
शिवसेना ने कहा कि लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं मिलती अगर आरएसएस ने पहल नहीं की होती। शिवसेना की ओर आगे लिखा गया कि देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की आवाज को दबाया न जाए। हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने वाले जो संगठन हैं, उनकी हिंदू राष्ट्र निर्माण की अवधारणा सौम्य है।
शिवसेना ने कहा कि तालिबान पूरे मानव जाति के लिए खतरा है। पाकिस्तान और चीन जैसे राष्ट्रों ने तालिबान का समर्थन किया है। हिंदुस्तान की मानसिकता वैसी नहीं है। हम सहिष्णु हैं। इसलिए आरएसएस की तुलना उचित नहीं है।
शिवसेना ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान को नर्क बना दिया है। महिलाओं पर जुल्म हो रहे हैं। लाखों लोग देश छोड़कर भाग गए हैं। हमारा हिंदुस्तान ऐसा नहीं है।
वहीं इन सबके बीच बीजेपी ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा है कि शिवसेना गोल-गोल बातें न करे। शिवसेना मानती है कि जावेद अख्तर ने गलत किया है तो उसे गिरफ्तार करे। शिवसेना को किसने रोका है। वहीं मुंबई स्थित जावेद अख्तर के घर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।